Close Menu
    Facebook X (Twitter) Instagram YouTube
    • Home
    • About Us
    • Contact Us
    • MP Info RSS Feed
    Facebook X (Twitter) Instagram
    Local Samachar
    • Home
    • देश
    • विदेश
    • राज्य
    • मध्यप्रदेश
      • मध्यप्रदेश जनसंपर्क
    • छत्तीसगढ़
      • छत्तीसगढ़ जनसंपर्क
    • राजनीती
    • धर्म
    • अन्य खबरें
      • मनोरंजन
      • खेल
      • तकनीकी
      • व्यापार
      • करियर
      • लाइफ स्टाइल
    Local Samachar
    Home»राज्य»छत्तीसगढ़»छत्तीसगढ़: बस्तर जिला हुआ नक्सलमुक्त, केंद्र सरकार ने LWE सूची से हटाया
    छत्तीसगढ़

    छत्तीसगढ़: बस्तर जिला हुआ नक्सलमुक्त, केंद्र सरकार ने LWE सूची से हटाया

    News DeskBy News DeskMay 28, 2025No Comments6 Mins Read
    Facebook Twitter Pinterest LinkedIn Tumblr WhatsApp Email Telegram Copy Link
    छत्तीसगढ़: बस्तर जिला हुआ नक्सलमुक्त, केंद्र सरकार ने LWE सूची से हटाया
    Share
    Facebook Twitter LinkedIn WhatsApp Pinterest Email

    रायपुर
     छत्तीसगढ़ का बस्तर जिला अब नक्सलवाद के साये से मुक्त हो चुका है। यह खबर पूरे प्रदेश के लिए एक बड़ी उपलब्धि है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बस्तर को लेफ्ट विंग एक्स्ट्रिमिज्म (LWE) प्रभावित जिलों की सूची से बाहर कर दिया है। हालांकि अभी तक इसकी आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है, लेकिन अप्रैल 2025 से शुरू होने वाले नए वित्त वर्ष से बस्तर को एलडब्ल्यूई के तहत मिलने वाली केंद्रीय सहायता बंद कर दी गई है।

    बस्तर के कलेक्टर हरीश एस. ने बताया कि अब जिला एलडब्ल्यूई की सूची से हटकर एक लेगसी डिस्ट्रिक्ट के रूप में स्थापित हो चुका है। इसका मतलब है कि बस्तर अब विकास और शांति की नई राह पर बढ़ रहा है।

    पहले बस्तर जिले को नक्सल उन्मूलन और विकास कार्यों के लिए केंद्र सरकार से करोड़ों रुपये का फंड मिलता था। मार्च 2025 तक यह राशि जारी की गई, लेकिन अप्रैल 2025 से इस फंड पर रोक लगा दी गई है। यह कदम बस्तर में नक्सलवाद पर प्रभावी नियंत्रण और सुरक्षा स्थिति में सुधार का संकेत देता है।

    बस्तर संभाग में प्रगति

    बस्तर संभाग के सात जिलों- बस्तर, दंतेवाड़ा, बीजापुर, सुकमा, नारायणपुर, कोंडागांव, और कांकेर- में से दो जिले अब नक्सलमुक्त हो चुके हैं। इस साल छत्तीसगढ़ के तीन अन्य जिले- राजनांदगांव, कवर्धा, और खैरागढ़-छुईखदान-गंडई-को भी LWE (लेफ्ट विंग एक्स्ट्रिमिज्म) सूची से हटाया गया है।

    बस्तर के नक्सल प्रभावित इलाकों में बदलाव

    बस्तर जिले के दरभा, कोलेंग, तुलसीडोंगरी, माचकोट, तिरिया, लोहंडीगुड़ा, मारडूम, ककनार, और बारसूर जैसे इलाके पहले नक्सलवाद से प्रभावित थे। इन क्षेत्रों में सुरक्षा बलों ने कई कैंप और थाने स्थापित किए। उदाहरण के लिए, दरभा की झीरम घाटी, कोलेंग, और तुलसीडोंगरी में कैंप खोले गए। मारडूम में थाना और कैंप, ककनार और चित्रकोट में चौकी और कैंप, और लोहंडीगुड़ा में सीआरपीएफ कैंप स्थापित किए गए। साथ ही, इन इलाकों में पक्की सड़कों का जाल बिछाकर पूरे जिले को सुरक्षित किया गया।

    नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण

    हाल ही में सुकमा में नक्सली संगठन के महासचिव गगन्ना उर्फ बासव राजू समेत 28 नक्सलियों के मारे जाने से निचले स्तर के नक्सलियों में दहशत फैल गई। मंगलवार को सुकमा के एसपी किरण चव्हाण के सामने 18 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया, जिनमें चार हार्डकोर नक्सली शामिल थे। इनमें से 12 नक्सलियों पर कुल 39 लाख रुपये का इनाम था।

    पीएलजीए बटालियन नंबर 1 के हेडक्वॉर्टर कंपनी नंबर 3 के पीपीसीएम मड़कम आयता (8 लाख), भास्कर उर्फ भोगाम (8 लाख), टेलर टीम कमांडर मड़कम देवे (5 लाख) और माड़वी छन्नू (5 लाख) जैसे बड़े नक्सली शामिल हैं। यह बदलाव बस्तर में शांति और विकास की नई शुरुआत का प्रतीक है। स्थानीय लोग और प्रशासन अब मिलकर इस क्षेत्र को और समृद्ध बनाने की दिशा में काम कर रहे हैं।

    LWE सूची से हटाने का मतलब

    LWE (Left Wing Extremism) सूची से हटाने का मतलब है कि किसी जिले या क्षेत्र को नक्सल प्रभावित क्षेत्रों की सूची से हटा दिया गया है। भारत सरकार, गृह मंत्रालय के तहत, उन क्षेत्रों को LWE सूची में शामिल करती है जहां माओवादी या नक्सली गतिविधियां सक्रिय हैं। इन क्षेत्रों में सुरक्षा और विकास के लिए विशेष नीतियां और योजनाएं लागू की जाती हैं। किसी क्षेत्र को इस सूची से हटाने का मतलब है कि सरकार का मानना है कि वहां नक्सली गतिविधियों में कमी आई है या स्थिति सामान्य हो गई है। इसका आधार नक्सली हिंसा में कमी, सुरक्षा बलों की सफलता, और विकास कार्यों की प्रगति हो सकता है।
    आम आदमी पर सकारात्मक प्रभाव

    सुरक्षा में सुधार : नक्सली गतिविधियों में कमी से आम लोगों का जीवन सुरक्षित हो सकता है। डर का माहौल कम होने से लोग सामान्य जीवन जी सकते हैं, जैसे रात में यात्रा करना, बाजार जाना, आदि।

    विकास कार्यों में वृद्धि : LWE क्षेत्रों में सुरक्षा कारणों से विकास कार्य अक्सर रुक जाते हैं। सूची से हटने के बाद सड़क, स्कूल, अस्पताल, और बिजली जैसी बुनियादी सुविधाओं का विकास तेज हो सकता है।

    आर्थिक अवसर : नक्सली प्रभाव कम होने से व्यापार, रोजगार, और निवेश के अवसर बढ़ सकते हैं, जिससे स्थानीय लोगों की आय में सुधार हो सकता है।

    संभावित नकारात्मक प्रभाव : विशेष सहायता में कमी: LWE क्षेत्रों को केंद्र सरकार से विशेष केंद्रीय सहायता (SCA) और अन्य फंड मिलते हैं। सूची से हटने पर ये विशेष फंड कम हो सकते हैं, जिससे कुछ विकास परियोजनाएं प्रभावित हो सकती हैं।

    सुरक्षा बलों की वापसी :

    यदि सुरक्षा बलों की तैनाती कम की जाती है, और नक्सली गतिविधियां फिर से बढ़ती हैं, तो सुरक्षा की स्थिति फिर से बिगड़ सकती है।
    सुविधाओं पर प्रभाव

    विकासात्मक सुविधाएं

    LWE क्षेत्रों में सड़क, स्कूल, अस्पताल, और संचार नेटवर्क जैसी सुविधाओं के लिए विशेष योजनाएं चलती हैं। सूची से हटने के बाद इन योजनाओं का फोकस सामान्य सरकारी योजनाओं की ओर शिफ्ट हो सकता है। अगर सामान्य योजनाएं उतनी प्रभावी नहीं हुईं, तो सुविधाओं का विस्तार धीमा हो सकता है। हालांकि, अगर क्षेत्र पहले ही पर्याप्त विकास देख चुका है, तो सुविधाओं में कोई बड़ा बदलाव नहीं होगा।

    सुरक्षा सुविधाएं

    LWE क्षेत्रों में सुरक्षा बलों की भारी तैनाती होती है। सूची से हटने पर सुरक्षा बलों की संख्या कम हो सकती है, जिससे स्थानीय पुलिस पर निर्भरता बढ़ेगी। यदि स्थानीय पुलिस तैयार नहीं है, तो सुरक्षा संबंधी सुविधाओं पर असर पड़ सकता है।
    फंड पर प्रभाव

    विशेष केंद्रीय सहायता (SCA)

    LWE प्रभावित जिलों को केंद्र सरकार से विशेष फंड मिलता है, जैसे कि 35 सबसे अधिक प्रभावित जिलों के लिए स्वीकृत SCA। सूची से हटने पर यह विशेष सहायता बंद या कम हो सकती है, जिससे विकास परियोजनाओं के लिए फंडिंग प्रभावित हो सकती है।

    सुरक्षा संबंधी खर्च (SRE)

    LWE क्षेत्रों में सुरक्षा बलों के लिए SRE (Security Related Expenditure) के तहत फंड आवंटित होता है। सूची से हटने पर यह फंडिंग भी कम हो सकती है, जिससे सुरक्षा व्यवस्था पर असर पड़ सकता है।

    सामान्य विकास फंड

    सूची से हटने के बाद क्षेत्र को सामान्य राज्य या केंद्र सरकार की योजनाओं के तहत फंड मिलेगा। यदि ये फंड पर्याप्त नहीं हुए, तो विकास कार्यों में कमी आ सकती है।

    LWE सूची से हटना एक सकारात्मक संकेत है। यह दर्शाता है कि क्षेत्र में नक्सली गतिविधियां कम हुई हैं और सामान्य स्थिति बहाल हो रही है। आम आदमी के लिए यह सुरक्षा और विकास के अवसर बढ़ा सकता है, लेकिन विशेष फंडिंग और सुरक्षा बलों की कमी से कुछ चुनौतियां भी आ सकती हैं। दीर्घकालिक प्रभाव इस बात पर निर्भर करेगा कि सरकार और स्थानीय प्रशासन सामान्य योजनाओं के तहत विकास और सुरक्षा को कितनी प्रभावी ढंग से बनाए रखते हैं।

    News Desk

    Related Posts

    MP News: पारम्परिक शिल्पकला, आत्मनिर्भरता व स्वावलंबन का आधार है : मुख्यमंत्री डॉ. यादव…

    May 29, 2025

    Bihar News: ऑपरेशन सिंदूर के बाद पहली बार बिहार पहुंचे प्रधानमंत्री, पटना में पीएम मोदी का भव्य रोड शो, तिरंगों की लहर और नारों की गूंज के बीच उमड़ा जनसैलाब….

    May 29, 2025

    CG News: मुख्यमंत्री सुशासन तिहार में ग्रामीणों से हुए रूबरू, कहा – गरीब परिवारों को पक्का मकान देकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संकल्प को साकार कर रही है छत्तीसगढ़ सरकार…

    May 29, 2025

    CG NEWS: रानी अहिल्याबाई होल्कर का शासन प्रजा कल्याण, राष्ट्र निर्माण और न्याय का स्वर्ण युग – मुख्यमंत्री विष्णु देव साय….

    May 29, 2025

    कोरोना के नए वैरियंट को लेकर देश-दुनिया में मची हलचल, स्वास्थ्य मंत्री जायसवाल ने दूर चिंता

    May 29, 2025

    कोयला लेवी घोटाले में आरोपियों को सशर्त मिली अंतरिम जमानत

    May 29, 2025
    विज्ञापन
    विज्ञापन
    हमसे जुड़ें
    • Facebook
    • Twitter
    • Pinterest
    • Instagram
    • YouTube
    • Vimeo
    अन्य ख़बरें

    MP News: पारम्परिक शिल्पकला, आत्मनिर्भरता व स्वावलंबन का आधार है : मुख्यमंत्री डॉ. यादव…

    May 29, 2025

    Bihar News: ऑपरेशन सिंदूर के बाद पहली बार बिहार पहुंचे प्रधानमंत्री, पटना में पीएम मोदी का भव्य रोड शो, तिरंगों की लहर और नारों की गूंज के बीच उमड़ा जनसैलाब….

    May 29, 2025

    CG News: मुख्यमंत्री सुशासन तिहार में ग्रामीणों से हुए रूबरू, कहा – गरीब परिवारों को पक्का मकान देकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संकल्प को साकार कर रही है छत्तीसगढ़ सरकार…

    May 29, 2025

    CG NEWS: रानी अहिल्याबाई होल्कर का शासन प्रजा कल्याण, राष्ट्र निर्माण और न्याय का स्वर्ण युग – मुख्यमंत्री विष्णु देव साय….

    May 29, 2025
    हमारे बारे में

    यह एक हिंदी वेब न्यूज़ पोर्टल है जिसमें ब्रेकिंग न्यूज़ के अलावा राजनीति, प्रशासन, ट्रेंडिंग न्यूज, बॉलीवुड, खेल जगत, लाइफस्टाइल, बिजनेस, सेहत, ब्यूटी, रोजगार तथा टेक्नोलॉजी से संबंधित खबरें पोस्ट की जाती है।

    Disclaimer - समाचार से सम्बंधित किसी भी तरह के विवाद के लिए साइट के कुछ तत्वों में उपयोगकर्ताओं द्वारा प्रस्तुत सामग्री ( समाचार / फोटो / विडियो आदि ) शामिल होगी स्वामी, मुद्रक, प्रकाशक, संपादक इस तरह के सामग्रियों के लिए कोई ज़िम्मेदार नहीं स्वीकार करता है। न्यूज़ पोर्टल में प्रकाशित ऐसी सामग्री के लिए संवाददाता / खबर देने वाला स्वयं जिम्मेदार होगा, स्वामी, मुद्रक, प्रकाशक, संपादक की कोई भी जिम्मेदारी नहीं होगी. सभी विवादों का न्यायक्षेत्र रायपुर होगा

    हमसे सम्पर्क करें
    संपादक - Roshni Rajput
    मोबाइल - 9399298630
    ईमेल - [email protected]
    कार्यालय - Amrit Niwas , Gandhi Nagar Gudhiyari Raipur Chhattisgarh
    May 2025
    M T W T F S S
     1234
    567891011
    12131415161718
    19202122232425
    262728293031  
    « Apr    
    Facebook X (Twitter) Instagram Pinterest
    • Home
    • About Us
    • Contact Us
    • MP Info RSS Feed
    © 2025 ThemeSphere. Designed by ThemeSphere.

    Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.